लेखनी प्रतियोगिता -05-Aug-2023 जीवन चार दिनों का मेला
शीर्षक- जीवन चार दिनों का मेला
काया तो मिट्टी का ढेला।
जीवन चार दिनों का मेला।।
मोह लोभ पानी का रेला।
जीवन चार दिनों का मेला।।
खाली हाथों तू है आया।
कालचक्र में क्यों भरमाया।।
क्यों अपनी किस्मत से खेला।
जीवन चार दिनों का मेला।।
सुख-दुख की जब आती बेला।
कितनी बाधाओं को झेला।।
सदा नियति ने हमे ढकेला।
जीवन चार दिनों का मेला।।
लिया धरा पर जन्म अकेला।
बनो हृदय का प्रेमिल चेला।।
होगा जीवन सदा दुकेला।
जीवन चार दिनों का मेला।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया ✍️
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Aug-2023 08:58 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Reena yadav
06-Aug-2023 08:32 AM
👍👍
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Gunjan Kamal
06-Aug-2023 04:07 AM
बेहतरीन
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